बॉट्स के बारे में समझें और संदेश फैलाने में उनकी भूमिका
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बॉट्स स्वचालित प्रोग्राम होते हैं जो तेज़ी और दक्षता के साथ दोहराए जाने वाले कार्य करते हैं और अक्सर ऑनलाइन इंसानों के व्यवहार की नकल करते हैं। बॉट्स का उपयोग कई वैध उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे ग्राहक सहायता बढ़ाने और सोशल मीडिया अकाउंट्स का प्रबंधन करने के लिए। हालांकि, कई बार इन्हें जानकारी को तेजी से फैलाने के लिए भी उपयोग किया जाता है – जो कि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकती है।
संदेश फैलाने के लिए उपयोग होने वाले बॉट्स के प्रकार
- सोशल मीडिया बॉट्स: ये बॉट्स असली उपयोगकर्ताओं की तरह काम करते हैं और ट्विटर, फेसबुक, और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइटों पर मिलते हैं। ये संदेशों को साझा और लाइक करके विभिन्न पोस्ट को बढ़ावा देते हैं, ब्रांडों या सामाजिक आंदोलनों से लेकर राजनीतिक प्रचार तक के लिए।
- चैटबॉट्स: संदेशिंग ऐप्स या वेबसाइटों में मौजूद ये बॉट्स उपयोगकर्ताओं से बातचीत का अनुभव देते हैं। इन्हें ग्राहक सेवा के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर दर्शकों को प्रभावित करने या समर्थन प्राप्त करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
- समाचार एकत्रण बॉट्स: ये बॉट्स विभिन्न समाचार स्रोतों से सामग्री एकत्र कर और साझा कर तेजी से जानकारी फैला सकते हैं, जिससे खास विचारों का प्रचार या दर्शकों का ध्यान किसी विशिष्ट दृष्टिकोण की ओर खींचा जा सकता है।
बॉट्स संदेश कैसे फैलाते हैं?
बॉट्स कई तरीकों से संदेशों का तेजी से प्रसार करते हैं:
- हैशटैग हाईजैकिंग: सोशल मीडिया बॉट्स ट्रेंडिंग हैशटैग्स का उपयोग करके उच्च दृश्यता वाली चर्चाओं में संदेश को प्रसारित करते हैं। उदाहरण के लिए, बड़े इवेंट्स के दौरान, ये बॉट्स चर्चाओं में शामिल होकर किसी विशेष संदेश को फैलाते हैं।
- इको चेंबर: बॉट्स समान विचारधारा वाले उपयोगकर्ताओं के बीच लगातार सामग्री साझा करते हैं, जिससे लोगों को एक ही संदेश के बार-बार आने के कारण उसकी वैधता पर भरोसा होने लगता है।
- एस्टोटर्फिंग: यह किसी संदेश या आंदोलन के लिए नकली समर्थन का आभास देने की प्रक्रिया है, जिसमें बॉट्स ‘फेक’ सहभागिता उत्पन्न करते हैं ताकि यह लगे कि किसी मुद्दे का व्यापक समर्थन है।
बॉट्स के उपयोग में नैतिक और सुरक्षा चिंताएं
हालांकि बॉट्स सकारात्मक अभियानों या महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उपयोगी हो सकते हैं, वे कई बार नैतिक चिंताओं को जन्म देते हैं। गलत सूचना के प्रसार, उत्पीड़न और लोगों की भावनाओं के साथ छेड़छाड़ करने में इनका उपयोग करके समाज में विभाजन और अविश्वास पैदा किया जा सकता है।
बॉट्स के प्रभाव को नियंत्रित करना
इस समस्या से निपटने के लिए कई प्लेटफ़ॉर्म ने नियमों को सख्त किया है और बॉट गतिविधियों की पहचान के लिए उन्नत सिस्टम लगाए हैं। इनमें यूजर वेरिफिकेशन, एआई-आधारित बॉट डिटेक्शन एल्गोरिदम, और स्वचालित इंटरैक्शन पर प्रतिबंध शामिल हैं। इन उपायों का उद्देश्य वास्तविक सहभागिता बनाए रखना और गलत सूचना को फैलने से रोकना है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में विकास के साथ, बॉट्स में भी सुधार जारी है। बॉट्स का उपयोग तभी सकारात्मक माना जा सकता है, जब इन्हें सही उद्देश्य और उचित जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल किया जाए।